Management Rule by Prabhu Shree Ram ll प्रभु श्रीराम का मेनेजमेंट नियम l - Ashish Sharma

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Sunday, June 5, 2022

Management Rule by Prabhu Shree Ram ll प्रभु श्रीराम का मेनेजमेंट नियम l

Management Rule by Prabhu Shree Ram ll प्रभु श्रीराम का मेनेजमेंट नियम l By Ashish Sharma

यदि आप के जीवन में कोई लक्ष नही है तो आपका जीवन बेकार हो जाता है l लक्ष विहीन जीवन किसी दिशा में नही जाता है l एक सफल शाशक या वैय्क्ति वही होता है जो योजनाये  बनाता है ओर उसे पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास करता है l

जीवन में सुख, द्दुख, सफलता या असफलता उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना की उस काम को करना जो की अदभुत परिणाम देता है ओर जो हमारे भविष्य को सुन्दर व सुरक्षित बनाता है l प्रभु श्रीराम ने भी अपने जीवन में वही किया जो उचित व श्रेष्ट था l 

प्रभु श्रीराम के कुछ खास मैनेजमेंट नियम  –

1. अपने आप को आदर्श व गुणवान बनाये:– प्रभु श्रीराम ने अपने जीवन को इस से मैनेज कर रखा था की आज भी उनके गुणों, वैय्क्तिव ओर शाशन को याद किया जाता है l उनके पास अनंत शक्तिया थी लेकिन कभी भी उन्होंने उसका दुरूपयोग नहीं किया l उन्होंने कभी भी अपनी शक्तियों का प्रदर्सन नही किया l जब भी किया सही कार्यों के लिए किया l उन्होंने हमेसा अपनी गरिमा ओर मर्यादा को बनाये रखा l किसी को भी बेवजह दुःख नहीं पहुचाया l  इसीलिए आप कही भी रहे, कही भी कम करे, अपने आप में संयम बनाये रखे l अपने विचारो में प्रेम ओर लोगो के लिए स्नेह बनाये रखे l यही आप के गुणों ओर वैय्क्तिव को समाज में श्रेठ बनाएगी l

2. दुसरो को भी कार्य करने का मौका दे:– जब वे घर से बनवास गए तो इस दौरान उन्हें कई सारी मुसिबतों का सामना करना पड़ा l उनके साथ पत्नी सीता ओर भाई लक्ष्मन भी गए थे l जब सीता जी का अपहरण हुआ तो उन्हें लोगो का सहारा लेना पड़ा l वे चाहते तो सीता जी को खुद कुछ ही छानो में वापिस ले आते पर उन्होंने ऐसा नहीं किया l  कभी ये नही जताया की वे भगवन है l उन्होंने मदत लेते हुए ये नही देखा की सामने वाला कितना शक्तिशाली है l उन्होंने सब को मौका दिया l सब को उनकी योग्यता के अनुसार काम करने का मौका दिया ओर खुद सबका नेतृत्वा किया l सबका होसला, विश्वास तथा प्रोत्साहन बढाया l वे सबके सामने, सबका विश्वास व साहस बन कर खड़े रहे l 

3. योजनाओ से भरा जीवन:– उन्होंने अपने जीवन में हर काम बेहतर योजनाओ के साथ किया l उन्हें कदम – कदम पर समस्याए आती रही पर फिर भी वे हर कठिनाइयो का खुशी से सामना किया l पहले ऋषयो के लिए राक्षसों से युद्ध किया ओर उनको उनसे मुक्त किया l बनवास गए जहाँ सीता जी का हरण हो गया l वहा सुग्रीब से दोस्ती की ओर उन्हें अपने भाई के जुल्म से मुक्त कर उन्हें रजा बनाया l बाद में हनुमान जी, सुग्रीब ओर कई अन्य सेनाओ के साथ लंका पर विजय प्राप्त किया l ओर सीता जी को वापिस ले के आये l किसी भी कार्य में आप, लक्ष को तभी प्राप्त कर सकते है जब आप के पास बेहतर योजना व अच्छी टीम, आप के साथ मिल कर काम करती है तो आप को सफलता जरुर मिलती हैl

4. समझने की शक्ति:– प्रभु श्रीराम सब को सामान समझते थे l वे किसी से भेद - भाव नही करते थे l सबको बराबर रखते थे l वे अपने कार्यों को लेकर हमेशा क्लियर रहते थे, की कोन सा काम कब ओर कैसे करना है l जैसे की उन्होंने लंका पर डायरेक्ट आक्रमण नही किया l पहले हनुमान जी को दूत बना कर भेजा l उसके बाद भी जब रावण सीता जी को नही लौटाया तब उन्होंने आक्रमण किया l उन्होंने हर वैय्क्ति को उनकी योग्यता के अनुसार काम सोपा l इस कार्य में उन्होंने कुछ लोगो को ऐसे भी कार्य दिए जिसने उनको कुशल बनाया l उन्कोने वैय्क्ति की क्षमता को बढाने के लिए उन्हें कार्य दिया l हर चिज को सही तरीके से मैनेज किया

5. समस्याओ में समाधान को सोचना:– प्रभु श्रीराम ने कई कठिनाइयो का सामना किया जब की कई बार उनकी टीम निराश भी हो जाती थी पर वे सबका होसला बढ़ाते थे l जोश व उर्जा पैदा कर देते थे l जब भी समस्या आई वे निराश नहीं हुए बल्कि उन्होंने उस समस्या का समाधान ढूंडा l जब भी टीम निराश या उनका मनोबल कम होता था वे उनका उत्साह बढ़ाते थे ओर दुबारा उसी काम को करने के लिए उनमे जोश भर देते थे l ओर उस काम में वह विजयी रहे l संकट उस वैय्क्ति के सामने खड़ा है जो उनके समाधान को जनता है l

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