वह साधारण नागरिक की तरह जीना पसंद करते हैं। इसका एक उदाहरण है की वह एक
सरकारी अस्पताल में अपना इलाज कराते है ओर लाइन में खड़े होकर एक साधारण नागरिक की
तरह अपनी बारी का इंतजार करते हैं। ऐसा नहीं है कि उरुग्वे सरकार की ओर से उन पर
कोई बंदिश है, जोस खुद अपनी मर्जी से इस तरह से रहना पसंद करते हैं । उरुग्वे सरकार की तरफ
से दिए गए आलीशान घर में न रह कर वे अपनी पत्नी के छोटे से फार्महाउस में रहते है
जो राजधानी मोनतेविडियो के पास है। इस फार्महाउस में वह एक आम किसान की
तरह फूलों की खेती भी करते हैं। सुरक्षा के नाम पर उन्हें दो पुलिस अधिकारी मिले
हैं। इसके अलावा फार्महाउस में अपने कुत्ते मनुएला के भरोसे वह खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं।
वह अपनी तनख्वाह का 90 फीसद दान कर देते हैं। इस बारे में वे कहते हैं कि मेरे पास जो भी है मैं उसमें जीवन गुजार सकता हूं। जोस 'क्यूबा क्रांति' से निकले हुए नेता हैं और 2009 में उरुग्वे के राष्ट्रपति चुने गए। जोस कहते हैं, मैं सबसे गरीब राष्ट्रपति कहलाता हूं, लेकिन मैं समझता हूं कि मैं गरीब नहीं हूं। गरीब तो वे होते हैं जो अपना पूरा जीवन खर्चीली जीवशैली के लिए काम करने में बिता देते हैं और अधिक से अधिक कमाने की इच्छा रखते हैं। पूरा मामला आजादी का है। अगर आपकी बहुत ज्यादा जरूरतें नहीं है, तो कोई मतलब नहीं है कि जीवन भर काम ही करते रहें। उन्हें गरीब राष्ट्रपति के बजाए साधारण कहलाना ज्यादा पसंद है।
ऊँचा कद ऊँचे पद से नही बल्कि ऊँचे
व्यव्हार से होता है l जब कोई बड़ा नेता बनता है तो वह सबसे पहले अपनी जरूरतों को
पूरा करता है ओर अपना जीवन खुशी से जीना चाहता है वो ये भूल जाता है की उसे ये पद
जनता को लाभ पहुंचाने के लिए मिला हँ न की खुद को आराम पहुँचाने के लिए l आज के
लगभग सभी छोटे से बड़ा राजनेता यही करता है l दुसरो की परेसनियो से उसे कोई लेना
देना नही होता है l वह यह भूल जाता है की जिस जनता की उसे सेवा करनी चाहिये, वही
नेता बनने के बाद उसी जनता को धुतकारा जाता है l
जब जोस मुजिका जैसे लोगो को देश का कार्य भार सौपा जाता है तभी उस देश ओर वहां की जनता का विकास होता है l जो निस्वार्थ अपने देश ओर जनता के प्रगति के लिए काम करते है l साधारण जीवन जीने से कोई गरीब नही होता है वे लोग मन से आमिर होते है l जो हर ऐसो आराम से ऊपर है l
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