सारी जानकारी लेने के बाद एन. अंबिका ने दोबारा पढ़ाई शुरू की और सबसे पहले 10वीं की परीक्षा पास की. फिर 12वीं के बाद उन्होंने डिस्टेंस लर्निंग से ग्रेजुएशन किया l इसके बाद उन्होंने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी l
एन. अंबिका और उनका परिवार एक छोटे कस्बे में
रहता था, जहां पढ़ाई की
पर्याप्त सुविधा नहीं थी. तब अंबिका के पति ने चेन्नई में अपनी पत्नी के रहने और
पढ़ाई करने का इंतजाम किया.l उन्होंने पत्नी की पढ़ाई में पूरा सहयोग किया और खुद नौकरी के साथ बच्चों की देखभाल करने
लगे l .
चेन्नई में एन. अंबिका ने कड़ी मेहनत की और
यूपीएससी एग्जाम के लिए खूब तैयारी की. हालांकि इसके बावजूद भी उन्हें लगातार तीन बार असफलता मिली l जब तीसरी बार अंबिका पास नहीं हुई तो उनके पति ने उन्हें लौट आने को
कहा, लेकिन उन्होंने एक आखरी बार कोशिश करने की जिद की और उनके पति मान गए l .
एन. अंबिका ने चौथे प्रयास में अपनी सारी ताकत झोंक दी और साल 2008 में
यूपीएससी की कठिन परीक्षा को पास कर लिया l इसके
बाद आईपीएस अफसर बनने का उनका सपना पूरा हुआ और ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उन्हें पहली
पोस्टिंग महाराष्ट्र में मिली.
आज अंबिका जिसने पूरे देश
की लड़कियों और महिलाओं के लिए मिसाल पेश की जिसके बारे में एक सामान्य इंसान सोच भी नहीं सकता है
उन्होंने कर दिखाया l ऐसा नही है की उनके सामने मुसीबते नही आई, बस फर्क इतना था कि
इन्होंने कभी हार नहीं मानी l
कुछ लोग मिसाल बनकर बहुत सी
जिंदगियों को रौशन करते हैं। इनकी कहानी नौजवानों को ना सिर्फ प्रेरणा दे रही है
बल्कि यह भी सीखा रही है कि जिंदगी चुनौतियों से भरी होती है। बस आपको घुटने टेकने
की बजाय उनका डटकर मुकाबला करते हुए आगे बढ़ना चाहिये l अब आईपीएस अंबिका को लोग
मुंबई की ‘लेडी सिंघम’ के नाम से भी जानते हैं। जो
साल 2008 से पहले नामुमकिन सा था।
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