लक्ष्य (Goal) हमारे जीवन में रीढ़ की तरह हड्डी (BackBone) है । इसके बिना हम खड़े नहीं हो सकते हैं और न ही कुछ हासिल कर सकते हैं । जीवन में लक्ष्य आपकी यात्रा का गंतव्य तय करता है। जीवन में हमेशा लक्ष स्पष्ट होना चाहिए l हमें एक बार ही यह जीवन मिलता है, हमें इसे बर्बाद नहीं करना चाहिए। हमेशा जीवन में सोचे हुए लक्ष्य पर निर्णय लें ।
हम हमेशा खुद को परफेक्ट बनाने की कोशिश करते हैं जो कि गलत है क्योंकि "परफेक्ट" जेसी कोई चिज होती हो नही है, तो हम कैसे अपने आप को परफेक्ट बना सकते हैं लेकिन हम अपने काम में परफेक्शन ला सकते हैं । हमें अपनी कमजोरी पर ध्यान देना चाहिए और उस पर काम करना चाहिए । यदि हम ऐसा कहते हैं, तो हम अपने क्षेत्र में परिपूर्ण (Master) बन सकते है l अगर हम अपने आप को परफेक्ट कहते है तो इसका मतलब है कि हम उस क्षेत्र के बारे में सब कुछ जानते हैं । अब कोई भी हमसे उस क्षेत्र के बारे में कुछ भी पूछ सकता है ओर हम प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दे सकते हैं । यदि हम किसी एक भी प्रश्न का उत्तर देने में सक्षम नहीं हैं, तो हम खुद को परफेक्ट नहीं मान सकते है । क्योंकि परिपूर्ण (परफेक्ट) का अर्थ यह है कि हम अपने क्षेत्र के बारे में सब कुछ जानते हैं । यदि हम अपने आप को परिपूर्ण मानते हैं, तो इसका मतलब है, हमने सीखना बंद कर दिया हैं जो हमारे लिए सही नहीं है । हमें रोजाना कम से कम एक अच्छी चिजे जरुर सीखना चाहिए।
हम अपने जीवन से कई चीजों की उम्मीद करते हैं लेकिन हम अपनी उस उम्मीदों के अनुसार काम करने के लिए तैयार नहीं हैं । हम अपने मन में अच्छा और सकारात्मक ज्ञान प्रदान नहीं करते हैं । हम हमेशा अपने मस्तिष्क में बेकार की जानकारी इकट्ठा करते हैं जो हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मदद नहीं करती है।
हमें अपने दिमाग को सही शिक्षा और सही ज्ञान से देना चाहिए l जिसे हम अपनी गलतियों, अपने अनुभव, अपने गुरु, अपने बुजुर्गों और अपने आसपास के वातावरण से हासिल कर सकते हैं । यदि हम इसे अपने जीवन में नहीं लाते है तो हमारा ज्ञान और अनुभव बर्बाद हो जाएगा ।
जब हम पैदा होते हैं, तो बहुत से लोग हमसे बहुत सी चीजों की उम्मीद करते हैं लेकिन कोई भी हमें सही जानकारी नहीं देता है जो वास्तव में हमारे लिए सही है । लक्ष्य के सही मार्ग को प्राप्त करने के लिए हमें अपने लक्ष्य की ओर कदम से कदम मिलाकर चलना होगा । बचपन से ही हम दूसरों का अनुसरण करते हैं । हम हमेशा खुद को दुसरो के जैसा बनाने की कोशिश करते हैं, उनकी तरह सफलता हासिल करना चाहते हैं लेकिन हम कभी खुद से नहीं पूछते कि हम क्या चाहते हैं ।
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