सोचना एक विचार
के बारे में सोचने की एक प्रक्रिया है जो किसी भी बात पर हमारे दिमाग में आती है। सोचने
से हम अपने मस्तिष्क की क्षमता को मजबूत बना सकते हैं l यह आदत हमें दूसरों से अलग
बनाती है। यह हमें किसी भी समस्या और स्थिति का सही रास्ता खोजने में मदद करता है
क्योंकि हमारा मस्तिष्क ओर मन विभिन्न प्रकार के ज्ञानो और अनुभव का एक खजाना है
जो हम अपने रोज मर्रा के जीवन से प्राप्त करते हैं। सोच (Thinking) को दो तरह से
परिभाषित किया जा सकता है - 1) सकारात्मक सोच 2) नकारात्मक सोच । कोई भी चीजें ना तो सकारात्मक
होती और ना ही नकारात्मक होती है। यह पूरी तरह से हम पर निर्भर करता है कि हम किसी
भी चीज को सकारात्मक तरीके से लेते हैं या नकारात्मक तरीके से ।
1)
सकारात्मक सोच
(Positive Thinking) : - सकारात्मक सोच किसी भी सोच को लेकर एक मानसिक और भावनात्मक दृष्टिकोण है जो
जीवन की उज्ज्वल पक्ष पर केंद्रित है और सकारात्मक परिणामों की अपेक्षा करता है।
जिस घटना से हमें खुशी मिलती है या जो हमारे अनुसार होता है उसे सकारात्मक सोच कहते
है । सकारात्मक सोच वाली मानसिकता वाला व्यक्ति
खुश,
स्वास्थ्य और सफलता की आशा करता है, और किसी भी कठिनाई को दूर कर सकता है ।
2)
नकारात्मक सोच
(Negative Thinking) : - नकारात्मक सोच एक ऐसे विचार की प्रक्रिया
है जहां लोग हर चीज में बुराई को ढूंढते हैं या किसी भी परिस्थिति में सम्भानो की
उम्मीद नहीं रखते हैं । विपरीत दृष्टिकोण किसी भी परिस्थिति में सकारात्मक नही सोच
सकता l
नकारात्मक सोच
सकारात्मक चीजों के खिलाफ होती है क्योंकि यह हमारे पक्ष (Favour)
में नहीं होता है । लेकिन फिर भी ये हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता
है,
इससे हम अपने
लक्ष्य को विभिन्न प्रकार की समस्याओं से बचा सकते है । इसलिए, यह हमारे जीवन का एक हिस्सा है और यह
सकारात्मक विचारो से अधिक सिखाता है।
हर रोज हमारे जीवन
में कई समस्याएं आती हैं । कुछ समस्या कम समय (Short Term Problem) और कुछ ज्यादा
समय (Long Term Problem) के लिए होती हैं। हमारे जीवन में बहुत सी गलतियाँ होती
हैं,
कुछ प्राकृतिक तो
कुछ कृत्रिम होती हैं जो हमारे द्वारा बनाई जाती हैं । अगर हमसे गलतियाँ होती हैं, तो पहले उसे स्वीकार करें फिर इस समस्या के
सही समाधान के बारे में सोचना चाहिये l
कभी भी किसी भी समस्या का समाधान स्थायी नहीं होता है, इसे स्थाई रखने के लिए, उस समस्या को जड़ से हटा देना चाहिये । अगर यह हमारे जीवन में थोड़ा सा भी रह जाएगा, तो हमारे जीवन में कई अन्य समस्याओं के साथ फिर से आ सकता हैं जो हमें फिर से परेशान करेंगी।
सोचने का सही
तरीका:
-
· जब भी जीवन में कोई समस्या आती है तो समस्या के दोनों पक्षों को देखे और दोनों
से सीखने की कोशिस करे ।
· हमेशा अपने लक्ष्य के बारे में सोचें, आने वालो कठिनाइयो के बारे में नहीं ।
· आपकी समस्या का गहराई से समझे ओर उसका उचित समाधान ढूंढे ।
· अपने ज्ञान पर काम करें, रोजाना कम से कम एक चीज जरुर सीखें।
· किसी भी चीजों को करने या बोलने से पहले अच्छी तरह से सोचें ले ।
· समस्या पर ध्यान न दे, समाधान पर ध्यान दें।
· सकारात्मक और नकारात्मक दोनों चीजों से सीखें l
· जीवन की वास्तविकता से सीखें।
· अपनी गलती से सीखें और उसे सुधारें ।
· अपने आप को परिपूर्ण (परफेक्ट) बनाने की कोशिश न करें, बस अपनी कमजोरी को नोटिस करें और इसे
सुधारें।
· अपनी बुरी आदत को एक अच्छी आदत में बदलें। कम बोलें और अधिक सुनें।
· हमेशा खुश रहने की कोशिस करे ओर खुद को शांत रखें।
समस्या का सही
समाधान: -
1. अपनी मान्यताओं को बदलें।
2. सही ज्ञान प्राप्त करें।
3. सीखने के लिए भावुक बनें।
4. अध्ययन की कड़ी मेहनत के माध्यम से खुद को
अनुशासन दें।
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