वैय्क्ति चाहे कोई भी हो वो अपने जीवन में बड़ा बनाने का सपना एक बार जरुर देखता है l लेकिन उनमे से बहुत कम लोग दृढ़ निश्चय के साथ उस सपने को पूरा करने के लिए काम करते है ओर अपने सपने को पूरा कर पाते हैं। नजत वल्लौद-बेल्कसेम इस बात का प्रमाण देती है, जिसने अपने जीवन में आई सभी बाधाओं को पार किया और अपनी किस्मत को बदल दिया l
नजत चार साल की थी वो बकरियाँ चराती ओर कुएँ से पानी लाती थी l वह मोरक्को में रहती थी l कुछ समय बाद नजत अपने परिवार के साथ फ्रांस चली गई जहाँ उसने कई अवसरों और संघर्षों से भरी वास्तविक दुनिया का सामना किया । मोरक्को में रहने वाली नजत को फ्रेंच नही आता था, उसने कॉलेज में पहले ही वर्ष के अंत तक फ्रेंच भाषा सीख लिया था ।
नजत को अपने पिता
से कड़ी मेहनत और कुशलता विरासत में मिली थी, जिन्होंने अपनी बेटियों के लिए सख्त नियम बनाए थे की 18 साल
की उम्र तक कोई लड़का नहीं और कोई नाइट क्लब नहीं । जिसके कारण, लड़कियों ने खुद को पूरी तरह से पढ़ाई के लिए
आत्मसमर्पण कर दिया था ।
नजत की बहन
फातिहा पेरिस में वकील थी । अमीन्स विश्वविद्यालय में अध्ययन के दौरान, नजत को प्रतिष्ठित इंस्टिट्यूट (Institute) डी' एट्यूड्स
पॉलिटिक्स में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला। जिसने उसे फ्रांस में राजनीतिक
परिदृश्य को एक नई दिशा देने के रास्ते पर खड़ा कर दिया।
जब वह लोक
प्रशासन में परास्नातक की पढ़ाई कर रही थी, इसी दौरान उसकी मुलाकात एक साथी छात्र
बोरिस वलाउड से हुई और दोनों ने 2005 में शादी कर ली।
नजत ने राजनीतिक
जीवन की शुरुआत ल्यों में मेयर के सलाहकार के रूप में सोशलिस्ट पार्टी में शामिल
होने के साथ हुई। बाद में वह चुनाव लड़ी और पार्षद की सीट जीती। 2012 में, उन्हें तत्कालीन समाजवादी राष्ट्रपति फ्रांस्वा
ओलांद द्वारा महिला मामलों के मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था।
2014 में, उन्होंने महिला
अधिकार मंत्री, शहर मामलों के मंत्री, युवा मामलों और खेल
मंत्री के रूप में कार्य किया। एक बड़े कैबिनेट फेरबदल में, उन्हें शिक्षा
मंत्री के रूप में सेवा देने के लिए पदोन्नत किया गया था।
देश की राजनीति में भाग लेने के इच्छुक युवाओं को सलाह देते हुए नजत ने कहा, "मैंने हमेशा युवाओं को राजनीति में शामिल होने की सलाह दी है। अपने भविष्य के साथ खुश रहने का सबसे अच्छा तरीका, इसमें हिस्सा लेना है।
इस प्रकार नजत ने अपने
राजनेतिक जीवन कई बदलाव किया l उसने कभी ये सोचा भी नही था की एक दिन वो इस मुकाम
पर आ जाएगी l जो बचपन के दिनों में बकरियाँ चराती ओर
कुएँ से पानी लाती थी वो आज एक बड़े राजनितिक संगठन का हिस्सा बन चुकी है ओर कई
कार्य भार को संभाल रही है l सुरुआत में आप की स्तिथि कैसी भी हो अगर आप के जीवन
में कुछ अच्छा बनना या कुछ बडा करना लिखा है तो एक न एक दिन आप किसी न किसी तरह
वहा तक पहुँच ही जाते है वो मुकाम आप को हाशिल हो ही जाता है l
No comments:
Post a Comment