आप जो उंगलिया दुसरो
की तरफ करते है, उसी ऊँगली को अगर अपनी तरफ अपने आप को सही करने में लगाए तो आपके जीवन
की सारीसमस्या ही ख़तम हो जाएगी।
कुछ लोग हमेशा परिस्थितियों
को दोष देते हैं। जबकि समस्या जीवन का हिस्सा है। आप इससे भाग नहीं सकते या दूर नहीं
जा सकते बल्कि, हमें इसका दृढ़ता से सामना करना चाहिए। इस पर आधारित एक छोटी सी कहानी
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बहुत समय पहले, एक
आदमी रेगिस्तान में फंस गया था। वह मन ही मन बोल रहा था, यह कितनी अच्छी और सुंदर जगह
है। अगर यहां पानी होता, तो यहां कितने अच्छे पेड़ उग रहे होते और कितने लोग यहां आना
पसंद करते। वह मन में बोल रहा था कि अगर ऐसा हुआ होता तो ऐसा होता और यह सब कुछ कितना अच्छा होता। ऊपर वाला देख रहा था, अब उस व्यक्ति ने सोचा कि
यहाँ पानी नहीं है। कुछ देर आगे बढ़ने के बाद, उसने एक कुआँ देखा जो पानी से भरा था।
वह लंबे समय तक विचार-विमर्श करता रहा और फिर बाद में उसने एक रस्सी और बाल्टी देखी।
इसके बाद, एक पर्ची कहीं से आती है, उस पर्ची में लिखा था कि आपने कहा था कि यहां पानी
का कोई स्रोत नहीं है, अब आपके पास भी पानी का स्रोत है, आप चाहें तो यहां पौधे लगा
सकते हैं। इसके बाद वह वेक्ति वह से चला गया।
इसी तरह हमारे जीवन
में भी परिस्थितियाँ आती रहती हैं। और कई बार हमें अवसर भी मिलता है, लेकिन यह हम पर
निर्भर करता है कि हम उन परिस्थितियों को दोष देते रहें या हमारे पास जो कुछ है उसे
ताकत बनाकर अपने लक्ष्य की और बढे । लेकिन कुछ लोग हमेशा परिस्थितियों को ही दोष देना
जानते हैं। लेकिन जब उनके पास एक उपयुक्त स्रोत हो तो उन्हें अपनी स्थिति को बदलने
की कोशिश करनी चाहिए। आप चाहते हैं कि परिस्थितियाँ बदलें और यदि आपको उसके लिए उपयुक्त
साधन मिलें, तो आपको अपना महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए।
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